शाहीन बाग में अब छतों पर खड़े होकर सीएए का विरोध

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी धरनास्थल हटाए जाने के बाद भी सीएए का विरोध जारी रखे हुए हैं। हां, प्रदर्शन का तरीका बदल गया है। पहले वे रास्ता घेरकर प्रदर्शन कर रहे थे तो अब सुुबह-शाम अपने घरों की छतों पर जाकर ताली बजाकर विरोध जता रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस के जबरन धरनास्थल खाली कराने से पहले ही वे खुद घरों में लॉकडाउन हो गए थे। पुलिस ने खाली पड़े तंबू-बंबू को ही बुुलडोजर से हटवाया है। इसलिए वे छतों पर आकर शांतिपूर्ण विरोध जताते हैं।


सीएए के खिलाफ 100 दिन चले शाहीन बाग के धरने पर बैठे लोग कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद भी वहां से नहीं हटे थे। उन्होंने न दिल्ली सरकार के लागू किए गए कानून की परवाह की, न ही धारा 144 लागू होने की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कर्फ्यू के दौरान भी वे प्रदर्शन करते रहे। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जबरन धरना खत्म करा रास्ता खुलवाया था। उस दौरान विरोध कर रहे नौ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया था, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। हालांकि, आरोप है कि रिहा किए गए प्रदर्शनकारी पुलिस की नजरबंदी में एक घर में हैं।
उधर, प्रदर्शन से जुड़े रहे कुछ सूत्रों का कहना है कि नजरबंदी में रखे गए प्रदर्शनकारी माहौल दोबारा खराब करने के लिए लोगों को उकसा सकते हैं। दूसरी ओर, माहौल को देखते हुए इलाके में अब भी भारी सुरक्षा बल तैनात हैं। पुलिस शाहीन बाग इलाके में लगातार गश्त कर रही है। साथ ही, माइक की मदद से लोगों से घरों में ही रहने की अपील भी कर रही है।